Friday, September 30, 2011

अंग्रेजों के जमाने के प्रेस कानून में होगा बदलाव


प्रणव और चिदंबरम के बीच सुलह होने पर कैबिनेट की बैठक आज
गैर कानूनी तरीके से अखबार और पत्रिकाएं छापने या नियमों का पालन न करने पर 50 हजार रुपए तक जुर्माना और 60 दिनों तक प्रकाशन पर प्रतिबंध लग सकता है। परमाणु दुर्घटना होने पर हर्जाने की राशि बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। उत्खनन के कारण प्रभावित होने वाले आदिवासियों को 26 प्रतिशत रायल्टी देने और अवैध खनन रोकने के सख्ती से कानून लागू किया जाए। इन सभी प्रस्तावों पर शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में मुहर लगने की संभावना है। करीब 15 दिन के लम्बे अंतराल और यूपीए सरकार को दो वरिष्ठ मंत्रियों के बीच के मनमुटाव में दिखावटी दूरी के बाद प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस बीच बैठक के लिए एजेंड़ों का ढेर लगा है। इस बैठक में 22 नए प्रस्ताव और कुछ पिछली बैठकों के छूटे हुए प्रस्तावों पर फैसला होगा। बैठक में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विशेष प्रस्ताव पर फैसला होगा। मसलन स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत सभी केंद्रीय योजनाओं के लिए दवाई और अन्य सामग्री की खरीद के लिए एक ही एजेंसी केंद्रीय खरीद एजेंसी का गठन शामिल है। अवैध खनन कार्य रोक ने के लिए मिनरल एडं माइन्स अधिनियम में बदलाव किया जाएगा। कैबिनेट की इस बैठक में सरकार ऐसे प्रस्ताव पेश कर रही है जो पहले भी कैबिनेट से पारित हो गये थे लेकिन विवाद के कारण उनमें भी फेरबदल किया गया है। इनमें एक है अंग्रेजों के जमाने का प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण कानून 1867। पिछले साल सरकार ने इसमें संशोधन किया था और कैबिनेट ने पारित कर दिया था लेकिन मीडिया उद्योग के विरोध के कारण सरकार को उसे वापस लेना पड़ा और फिर उसमें संशोधन करना पड़ा। नये संशोधन के मुताबिक बिना अनुमति के अखबार, मैगजीन, पम्फलेट किताबें छापने पर पहली बार में 5 हजार, दूसरी बार में 20 हजार और तीसरी बार में 50 हजार रुपये जुर्माना और 60 दिनों तक प्रकाशन का बंद करने का प्रस्ताव है। नये प्रस्ताव में अखबार या मैगजीन के टाइटल के पंजीकरण को ज्यादा स्पष्ट किया जा रहा है। विदेशी अखबारों या मैगजीन के कंटेंट भी अनुमति से ज्यादा छापने पर सजा होगी। संशोधन के तहत देशद्रोह, आतंकवाद आदि कायरे में लिप्त लोगों को अखबार निकालने या पुस्तक लिखने की अनुमति नहीं होगी। शीषर्क मिलने के बाद अखबार का प्रकाशन एक साल के भीतर करना होगा नहीं तो टाइटल छीनने का प्रावधान किया जा रहा है। समाचारपत्र, पत्र पत्रिका एवं न्यूजलेटर आदि जैसी कई नयी परिभाषाओं को शामिल किया गया है। प्रस्तावित विधान के तहत आतंकवादी कार्रवाइयों या राष्ट्र की सुरक्षा के खिलाफ किये गये किसी कार्य के लिए दोषी व्यक्तियों को कोई भी प्रकाशन लाने की इजाजत नहीं दी जायेगी। उन्होंने बताया कि पुराने कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। यह व्यापक विधेयक जल्द ही संसद में लाया जाएगा। यह व्यापक विधान शीषर्क की जांच पड़ताल, अखबारों के इंटरनेट संस्करणों सहित प्रकाशनों की परिभाषा और अगंभीर प्रकाशकों को हतोत्साहित करने के लिए शीषर्क को रोके रखने पर रोक और विदेशी समाचार सामग्री और विदेशी निवेश की सीमा जैसे मुद्दों से निपटेगा। आदिवासियों को 26 प्रतिशत रायल्टी देने का प्रस्ताव: इस विधेयक में कोयला खनन कंपनियों के लिए परियोजना क्षेत्र के प्रभावित लोगों के कल्याण पर लाभ का 26 फीसद हिस्सा खर्च करने की व्यवस्था अनिवार्य करने का प्रस्ताव है। इसी तरह गैर कोयला क्षेत्र की खनन कंपनियों को उनके द्वारा राज्यों को दी जाने वाली रायल्टी के बराबर की राशि सामाजिक कल्याण पर खर्च करनी होगी। प्रस्तावित नया खनन एवं खनिज (नियमन एवं विकास) विधेयक- 2011 पुराने हो चुके 1957 के खनन अधिनियम की जगह लेगा। प्रस्तावित विधेयक में एक राष्ट्रीय खनन नियामक प्राधिकरण और ट्रिब्यूनल गठित किए जाने तथा 60 खनिज प्रधान जिलों में जिला खनिज न्यायस बनाने का प्रावधान है। बैठक में 22 नए प्रस्ताव और कुछ पिछली बैठकों के छूटे हुए प्रस्तावों पर फैसला होगा अवैध खनन कार्य रोक ने के लिए मिनरल एडं माइन्स अधिनियम में बदलाव किया जाएगा