Monday, November 21, 2011

हेगड़े ने भी मीडिया को नियामक तंत्र के दायरे में लाने की वकालत की


कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने भी मीडिया को नियामक तंत्र के दायरे में लाने की वकालत की है। उन्होंने मीडिया के कामकाज पर कुछ हद तक कानूनी नियंत्रण का पक्ष लिया है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कडेय काटजू और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी इसकी हिमायत कर चुके हैं। पेड न्यूज और मीडिया को अपने हितों के लिए इस्तेमाल करने जैसी वजहें गिनाते हुए हुए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने इसकी हिमायत की। उन्होंने कहा कि झूठी खबरों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से भी मीडियाकर्मियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। हेगड़े ने कहा कि ऐसी कई घटनाएं हैं जिनमें मीडिया का कुछ छिपे हुए हितों के लिए इस्तेमाल किया गया। उन्होंने पूर्व लोकायुक्त एसपी मधुकर शेट्टी के बयान का जिक्र किया जिन्होंने कहा था कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है। हेगड़े ने सवाल उठाया कि इस खबर को चार महीने बाद जारी करना क्या ईमानदार पत्रकारिता है? आप अचानक ही किसी कहानी को प्रकाशित कर देते हैं, जब वह कुछ लोगों के लिए काम की हो। अगर यही उद्देश्य है, तो क्या यह सही पत्रकारिता है।