फोन टैपिंग प्रकरण के बाद मीडिया जगत के बादशाह रूपर्ट मर्डोक की सेटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग कंपनी, ब्रिटिश स्काई ब्रॉडकास्टिंग (बीस्काईबी) को अधिग्रहित करने की कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है। एक सप्ताह पहले तक ब्रिटिश राजनीति पर जबर्दस्त प्रभाव रखने वाले मर्डोक से सभी दलों ने दूरी बनानी शुरू कर दी है। सोमवार को सरकार और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस सौदे को स्थगित या लंबे समय तक टालने का आह्वान किया। उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने सोमवार को न्यूज ऑफ द वर्ल्ड द्वारा फोन टैपिंग की सोमवार को फिर आलोचना की। उन्होंने कहा, मर्डोक लंदन में हैं। चीजों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं उनसे सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वह यह समझने की कोशिश करें कि लोग इसबारे में कैसा महसूस करते हैं। देश ने विभिन्न रहस्योद्घाटनों पर किस तरह घृणा के साथ प्रतिक्रिया की है। निक क्लेग की पार्टी लिबरल डेमोक्रेट्स मर्डोक के मीडिया साम्राज्य के प्रभाव और ताकत की लगातार आलोचना करती रही है। सेलिब्रिटी, खूंखार अपराधियों और इराक युद्ध में मारे गए सैनिकों के परिजनों के फोन हैक करके सूचनाएं जुटाने के गंभीर आरोप लगने के बाद न्यूज ऑफ वर्ल्ड अखबार के मालिक रूपर्ट मर्डोक ने इसे बंद करने का फैसला लिया। मर्डोक के सर्वाधिक बिकने वाला टैबलायड ने पिछले साल हुए चुनाव में लेबर पार्टी का समर्थन किया था। क्लेग ने मर्डोक से कहा, मर्यादित कार्य करिए और बीस्काईबी के सौदे के लिए पुनर्विचार करिए। शाही परिवार के सुरक्षा अधिकारियों ने रिश्वत लेकर फोन नंबर लीक किए न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के पूर्व शाही मामलों के संपादक क्लाइव गुडमैन ने शाही परिवार के सुरक्षा अधिकारियों को रिश्वत देकर प्रिंस विलियम सहित शाही घराने के कई लोगों के नंबर एकत्रित किए थे। बीबीसी के बिजनेस मामलों के संपादक रॉबर्ट पेट्सन ने यह दावा किया है। रॉबर्ट के मुताबिक न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के तत्कालीन संपादक एंडी कल्सन ने गुडमैन को ऐसा करने के लिए कहा था। शाही परिवार के फोन नंबरों वाली बुक को ग्रीन बुक कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार प्रयोग के बाद ग्रीन बुक को लॉक कर दिया जाता था। शाही के फोन नंबरों की हैकिंग का यह मामला 2005 में प्रकाश में आया था और 2007 में अदालत ने गुडमैन को जेल भेजा था।
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