Monday, December 20, 2010

विज्ञापनों के जरिए भ्रष्टाचार से जंग

जागरण ब्यूरो, पटना बिहार में भ्रष्टाचार उन्मूलन की जंग में अब स्लोगन के तीर चलाए जा रहे हैं। चाय की चुस्कियों के साथ हर सुबह तरह-तरह के नारे लोगों को नया विजन दे रहे हैं। नीतीश सरकार ने इन नारों को हर सुबह लोगों को बिना किसी खास तैयारी के अनोखे अंदाज में पेश करने का तरीका निकाल लिया है। हर सरकारी विज्ञापन (इश्तेहार) के नीचे के बार्डर में इन नारों को अनिवार्य रूप से लिखा और प्रकाशित कराया जा रहा है। इन विज्ञापनों का सीधा संबंध सरकारी कर्मियों और आम लोगों से है। नारे कई तरह के हैं। जिस समय सरकार ने विजिलेंस ब्यूरो को सक्रिय किया था उस वक्त आम तौर पर यह नारा ज्यादा चलन में था कि घूस लेना और देना अपराध है। पर इन दिनों नए-नए नारे चलन में आ गए हैं। अब तो धर्म और इंसानियत तक की दुहाई दी जा रही है। एक नारे पर नजर डालिए सरकारी सेवा जनसेवा का माध्यम है। धर्म-इंसान की तरह इसे भी बेदाग बनाए रखें। नसीहत के साथ-साथ चेतावनी वाले सरकारी नारे भी खूब चलन में हैं। इस नारे को देखिये-घूस के बल पर खड़ा मकान कभी भी ताश के महल सा ढेर हो सकता है। चेतावनी का यह अंदाज कुछ इस तरह से प्रासंगिक है कि सरकार, घूसखोरी के पैसे से बनी अट्टालिकाएं जब्त कर वहां स्कूल खोलेगी। भ्रष्टाचार उन्मूलन की जंग में जो नए सरकारी नारे चलन में हैं, उनमें आम लोगों के लिए भी तमाम हिदायतें हैं। मसलन, लोगों से यह कहा जा रहा है कि पैसे के बल पर काम कराना अपराध है, काम सही है तो मुफ्त होगा। हिदायतों के साथ- साथ जागरूकता वाले नारे भी हैं। ये कुछ इस तरह से हैं-याद रखें बिना प्राप्ति रसीद के लिया-दिया गया धन घूस है। कुछ दिनों पहले तक लोगों को सचेत करते हुए यह नारा चलन में था-भ्रष्टाचारी के दबाव में मत रहें, निगरानी विभाग से मिलकर कहें। घूसखोरों को सावधान करने वाले नारे भी हैं-घूसखोर का क्या जीना, रात में नींद न दिन में चैना। यह भी बताया जा रहा कि घूसखोर का क्या कहना, जेल जाना और पानी भरना। रिश्वतखोरों को संत वचन भी परोसे जा रहे हैं-वेतन भत्ता की चादर हो जितनी, फैला पांव लालसा की उतनी। मनोचिकित्सकों की राय में निश्चित तौर पर इन नारों का असर होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को भ्रष्टाचार की बीमारी से निजात दिलाने के लिए नया कानून बनाया है। इसके तहत सरकार न सिर्फ भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सकती है बल्कि पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से एकत्र की गई सारी संपत्ति तक को जब्त करने सकती है। हाल ही में एक अफसर पर ऐसी कार्रवाई की गई है।

No comments:

Post a Comment