Monday, April 30, 2012

मीडिया दिशा-निर्देश मामले में सुप्रीमकोर्ट में नोकझोंक


मीडिया के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के मामले में बुधवार को उच्चतम न्यायालय में उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ और जाने-माने विधि वेत्ता राजीव धवन के बीच थोड़ी देर के लिए नोक-झोंक जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। दरअसल धवन ने मीडिया से कहा कि मीडिया के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का यह स्वत: संज्ञान लेकर किया गया प्रयास है। पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने धवन की शिकायत पर आपत्ति जताई और कहा कि इस मुद्दे पर विचार स्वत: संज्ञान लेकर नहीं किया जा रहा है बल्कि सहारा समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फाली नरीमन द्वारा दायर आवेदन पर किया जा रहा है। धवन ने उस वक्त आपत्ति जताई थी कि जब यूथ फॉर इक्वलिटी (वाईएफई) की ओर से अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम मीडिया के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करने के सुप्रीमकोर्ट के प्रयास का समर्थन कर रहे थे। सुब्रह्मण्यम ने रेखांकित किया कि कैसे मीडिया और खासतौर पर भाषाई प्रेस संविधान के तहत लगाई गई पाबंदियों को धता बता रहा है। धवन ने प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाडि़या की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (जीवन एवं निजी स्वतंत्रता का अधिकार) से जुड़े बड़े सवालों का जवाब देना है, लेकिन दलील बिखरी हुई हैं और कई दिशाओं में दी जा रही हैं, जब यह स्वत: संज्ञान लेकर चलाई जा रही कार्यवाही है। उन्होंने कहा, ये दलीलें मीडिया को परेशान कर रही हैं। पीठ ने सुनवाई को उनके द्वारा बाधित किए जाने पर आपत्ति जताई। पीठ ने सुनवाई के पहले ही दिन स्पष्टीकरण दिया था कि आवेदन दायर किए जाने के बाद दिशा-निर्देश निर्धारित करने पर विचार शुरू हुआ। सीजेआइ ने कहा, इसे स्वत: संज्ञान लिया हुआ न कहें। यह स्वत: संज्ञान नहीं है। नरीमन ने आवेदन दायर किया था। इस पर धवन ने कहा कि अगर नरीमन आवेदन वापस ले लेते हैं तो क्या होगा, फिर खुद ही कहा, अगर आवेदन वापस ले लिया जाता है तो यह स्वत: संज्ञान लिया हुआ ही तो हो जाएगा। पीठ ने फिर दोहराया कि सुनवाई स्वत: संज्ञान लेकर नहीं की जा रही है और सेबी विचार-विमर्श के लिए तैयार है। यहां तक कि अटार्नी जनरल ने दिशा-निर्देश का समर्थन देने का संकेत दिया है। धवन पीठ से यह कहते हुए अपनी जगह पर बैठ गए कि हम अपनी यह राय रखने के हकदार हैं कि यह स्वत: संज्ञान लेकर की जा रही सुनवाई है। कुलदीप नैयर करेंगे विरोध बेंगलूर : प्रख्यात पत्रकार कुलदीप नैयर ने कहा कि अदालती रिपोर्टिग पर मीडिया के लिए सुप्रीमकोर्ट के प्रस्तावित दिशानिर्देश के खिलाफ वह मुहिम चलाएंगे। नैयर ने यहां एक श्रद्धांजलि समारोह में कहा, यदि सुप्रीमकोर्ट प्रेस की आजादी पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करता है तो मैं उसका विरोध करूंगा। हालांकि मैं भारत के प्रधान न्यायाधीश को बड़े सम्मान की दृष्टि से देखता हूं लेकिन मीडिया के दिशानिर्देश संबंधी मुद्दा एक अन्य तरह के आपातकाल के जैसा है।

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