केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मीडिया खासकर इलेक्ट्रानिक समाचार चैनलों पर अंकुश लगाने संबंधी भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटूज के सुझाव का विरोध किया है। उन्होंने इलेक्ट्रानिक समाचार चैनलों को परिषद के दायरे में लाने की मांग का विरोध करते हुए रविवार को यहां कहा कि किसी बाहरी अंकुश के बजाय मीडिया को खुद अपने ऊपर अंकुश रखना चाहिए। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी की प्रेस को अधिक आजादी देने की बात का खुलासा करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान ‘पेड न्यूज’ की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम के लिए मंत्रियों का समूह बनाया गया है जो पत्र प्रतिनिधियों से बात करके अपना मत सरकार के आगे रखेगा। संसद में लंबित विधेयकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान लोकपाल विधेयक सहित आठ विधेयक पारित कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अन्ना को इस विधेयक का समर्थन करना चाहिए क्योंकि उन्हीं की पहल पर सरकार भ्रष्टाचार केखिलाफ कानून बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रयास करेगी कि यह विधेयक राज्यसभा में आम सहमति से पारित हो। खुर्शीद ने कहा कि विदेश में जमा कालाधन मसले पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही एक अलग विभाग स्थापित कर रखा है और इस मुद्दे पर बाबा रामदेव के अनशन पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद में पारित होने वाले विधेयकों में एक विधेयक भारतीय दण्ड संहिता में संशोधन का भी है जिसमें महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है। इसके अलावा न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाने संबंधी विधेयक भी इनमें शामिल है।
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