Monday, April 23, 2012

सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने को विशेषज्ञ दल जरूरी


मीडिया की आजादी को जिम्मेदारियों से जोड़ने की वकालत करते हुए प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कडेय काटजू ने रविवार को सरकार से अनुरोध किया कि सोश्यल मीडिया का दुरुपयोग लोगों और संगठनों को बदनाम करने में होने से रोकने के तरीके तलाशने के लिहाज से विशेषज्ञों का एक दल बनाया जाना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी को लिखे पत्र में काटजू ने निराशा जताते हुए कहा कि सोश्यल मीडिया में लोगों, संगठनों, धर्मो व समुदायों को बदनाम करने के लिए इसका दुरुपयोग करने का नया चलन शुरू हो गया है। उन्होंने पत्र में कहा कि ताजा उदाहरण एक सीडी के प्रसार का है, जिसे लेकर यहां तक कि उसे बनाने वाले ने भी स्वीकार किया कि उच्चतम न्यायालय के एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ वकील और संसद सदस्य को बदनाम करने तथा एक केंद्रीय मंत्री को धमकाने के लिए इसमें छेड़छाड़ की गई है। काटजू ने इस बात पर अफसोस जताया कि सोश्यल मीडिया ने सीडी को लेकर अदालत के निर्देश के बावजूद इसे जारी किया। सोश्यल मीडिया पर पाबंदियों के लिहाज से कानून की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक सोश्यल मीडिया पर कुछ लगाम नहीं कसी जाती तब तक भारत में किसी की प्रतिष्ठा सुरक्षित नहीं रहेगी। उन्होंने लिखा है, ‘मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस समस्या से निपटने के रास्ते तलाशने के लिए कानून एवं तकनीक विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जाए। इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री को छांटने के लिए उचित कानून बनाने की प्रक्रि या शुरू की
जाए।मीडिया की स्वतंत्रता के विषय में उन्होंने कहा, ‘मैंने बार-बार कहा है कि हमारे देश में मीडिया की आजादी है लेकिन कोई भी स्वतंत्रता अपने आप में संपूर्ण नहीं होती और उसके साथ जिम्मेदारियां भी जुड़ी होती हैं।काटजू ने कहा कि किसी व्यक्ति की साख मूल्यवान होती है और शरारती लोगों द्वारा इसे नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

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