दैनिक जागरण समूह के मुंबई से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक मिड डे के वरिष्ठ संपादक ज्योतिर्मय डे की शनिवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। जे डे के नाम से मशहूर 56 वर्षीय ज्योतिर्मय अंडरवर्ल्ड की खोजी पत्रकारिता के शीर्ष पुरुष थे। दैनिक रिपोर्टिग के अलावा जे डे ने अंडरवर्ल्ड से संबंधित अंग्रेजी में दो पुस्तकें भी लिखीं। पहली पुस्तक खल्लास में उन्होंने अंडरवर्ल्ड द्वारा प्रयोग की जानेवाली शब्दावलियों का वर्णन किया है, तो दूसरी पुस्तक जीरो डायल मुंबई के मुखबिर समाज पर आधारित है, जिसकी मदद के बिना पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकती। बताया जाता है कि खल्लास प्रकाशित होने के बाद अंडरवर्ल्ड को कई शब्दावलियां बदलनी पड़ी थीं। जे डे की हत्या दोपहर करीब 2.30 बजे मुंबई के उपनगर पवई के व्यस्ततम क्षेत्र हीरानंदानी गार्डेन्स में हुई। हत्या के समय वह अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर मोबाइल फोन पर किसी से बात कर रहे थे। तभी चार लोग आगे-पीछे से उन पर गोलियां चलाकर मोटरसाइकिलों से भाग निकले। पुलिस के अनुसार उन्हें पांच गोलियां लगीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गोली लगने के बाद जे डे को हीरानंदानी गार्डेन्स में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड एक ओमनी वैन से निकट के अस्पताल ले गए। जहां उन्हें भर्ती करने से इंकार के बाद क्षेत्र के ही अपेक्षाकृत बड़े हीरानंदानी अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मिड डे में शनिवार को अवकाश था। जे डे छुट्टी का दिन सामान्यत: घर पर बिताते थे। तेज बरसात के बीच भी उनके अपने पवई स्थित आवास शिवभक्तानी पार्क से निकलकर बाहर आने से किसी साजिश का आभास हो रहा है। अंडरवर्ल्ड को काफी गहराई से जाननेवाले जे डे अपनी संतुलित किंतु खोजी रिपोर्टो के लिए जाने जाते थे। मुखबिरों पर जीरो डायल जैसी किताब लिखनेवाले जे डे के पास अपने मुखबिरों की लंबी फौज थी । जिनकी मदद से उन्होंने ऐसी कई खोजी रिपोर्टे लिखीं, जिनके कारणअंडरवर्ल्ड के काले कारनामों का रहस्योद्घाटन तो हुआ ही, पुलिस विभाग की कमियां भी उजागर होती रहीं। कुछ माह पहले ही उन्होंने पेट्रो पदार्थो की कालाबाजारी को लेकर तेल माफियाओं पर एक स्टोरी श्रंृखला लिखी थी। जिसके कारणसात लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी। हाल ही में इनमें से चार जमानत पर छूटे थे। पुलिस इस कोण से भी हत्या की जांच कर रही है। कुछ सप्ताह पहले मिड डे के ही एक अन्य पत्रकार ताराकांत द्विवेदी अकेला को रेलवे पुलिस द्वारा एक फर्जी मामला बनाकर हवालात में डालने के बाद जे डे द्वारा इस मामले की पैरवी को भी उनकी हत्या के कारणों में से एक माना जा रहा है। जे डे अपने पीछे पत्नी, मां एवं बहन को छोड़ गए हैं।
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