ठ्ठ जागरण संवाददाता, लखनऊ प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने देश में बढ़ रहे सांप्रदायिक दंगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है। काटजू ने उन्हें दायरे में रहने की भी नसीहत दी। काटजू शनिवार को हिंदी मीडिया सेंटर, गोमतीनगर में मीडिया में बढ़ती एकाधिकारी प्रवृत्ति विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि टीआरपी और व्यवसाय के चक्कर में इलेक्ट्रॉनिक चैनल अनियंत्रित हो गए हैं। अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए चर्चित जस्टिस काटजू ने कहा कि देश की अस्सी प्रतिशत जनता महंगाई, गरीबी, स्वास्थ्य व बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि यदि सचिन तेंदुलकर ने सौवां शतक बना दिया तो उससे देश की बेरोजगारी खत्म तो नहीं हो गई। काटजू ने कहा कि यूपी में लोग महंगी दवाएं खरीद रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में जांच की मशीनें तक नहीं हैं, डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक चला रहे हैं। ऐसे में मीडिया को लोगों की समस्याओं को उजागर करना चाहिए। मीडिया पर नियंत्रण के लिए उन्होंने मीडिया काउंसिल ऑफ इंडिया बनाने की आवश्यकता पर फिर जोर दिया। इस मौके पर यूपी के राजस्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि सामाजिक बुराइयों से सचेत करना पत्रकारों की जिम्मेदारी है। मंत्री अवधेश प्रसाद ने मीडिया के बीच बढ़ रही खाई को खत्म करने की बात कही।
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