नई दिल्ली, प्रेट्र : हाल में इंटरनेट और सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने तीन-तरफा रणनीति तैयार की है। इसके तहत इंटरनेट पर आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने से पहले ही चेतावनी देने के लिए एक साइबर निगरानी एजेंसी का गठन किया जा रहा है। हाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की अध्यक्षता में हुई बैठक में टेलीकॉम कंपनियों के लिए खास दिशा-निर्देश बनाने का फैसला किया गया। कंपनियों से हड़बड़ी में हुई प्रतिक्रियाओं की रोकथाम के उपाय करने को कहा जाएगा। हाल में असम हिंसा के मामले में इंटरनेट और सोशल मीडिया को अफवाह फैलाने का जरिया बनाया गया था। बैठक में कहा गया कि इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए समय पर चुस्त और अनुकूल प्रणाली तैयार करने की जरूरत महसूस की जा रही है। बैठक में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय, खुफिया एजेंसियों और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में कानूनी पहलू को मजबूत करने पर जोर दिया गया। सरकार को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कानून में मौजूद कमियों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। साथ ही एजेंसियों की कानूनी और वित्तीय मजबूती भी जरूरी है। बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने इंटेलीजेंस ब्यूरो, रक्षा शोध व विकास संगठन और तीन अन्य को वेब व सोशल मीडिया पर कानून का उल्लंघन करने वाली सामग्री पर निगरानी रखने का आदेश दिया।
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