Tuesday, September 18, 2012

आतंकियों के बजाय मीडिया की निगरानी करेगी एनआइए



ठ्ठ नीलू रंजन, नई दिल्ली मुंबई हमले के बाद आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए विशेष रूप से बनाई गई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का जोर आतंकी गतिविधियों के बजाय मीडिया पर नजर रखना हो गया है। एनआइए देश भर में छपने वाले 130 अखबारों, 30 चैनलों समेत प्रमुख पत्रिकाओं व वेबसाइटों में छपी या दिखाई गई हर सामग्री की निगरानी करने की तैयारी में है। इस सिलसिले में उसने बाकायदा टेंडर जारी कर दिया है। ज्ञात हो सूचना व प्रसारण मंत्रालय हर महीने लाखों रुपये खर्च करके पहले से यह काम कर रहा है। एनआइए की वेबसाइट पर मौजूद टेंडर में साफ कहा गया है कि इसे पाने वाली एजेंसी को दिल्ली से प्रकाशित हिंदी व अंग्रेजी अखबारों के साथ-साथ रांची, जयपुर, कोलकाता, रायपुर, भोपाल, मुंबई, अहमदाबाद, चंडीगढ़, श्रीनगर, जम्मू, गुवाहाटी, पटना, लखनऊ, त्रिवेंद्रम, चेन्नई, हैदराबाद व भुवनेश्वर से प्रकाशित स्थानीय अखबारों में छपी खबरें दिन में दो बार सुबह 9:00 बजे और अपराहन 4:00 बजे एसपी व उससे ऊपर रैंक के सभी अधिकारियों को देनी होगी। पूर्वोत्तर के लोगों को पलायन के बाद केंद्र सरकार भले ही वेबसाइटों पर नजर रखने के लिए विशेष एजेंसी बनाने का विचार कर रही हो, लेकिन एनआइए ने अपने टेंडर में वेबसाइटों पर निगरानी की पूरी व्यवस्था कर ली है। इसके साथ ही वह 30 हिंदी, अंग्रेजी व विभिन्न भाषाओं में चलने वाले चैनलों की 24 घंटे मॉनीटरिंग चाहती है। टेंडर पाने वाली एजेंसी को चैनल पर चलने वाले क्लिप के साथ एनआइए को इसकी पूरी रिपोर्ट देनी होगी। जाहिर है कि एजेंसी को इसके लिए हर महीने लाखों रुपये खर्च करने होंगे। लेकिन अलग से मीडिया मॉनीटरिंग के पीछे एनआइए का उद्देश्य साफ नहीं है। उसका कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार नहीं है। ध्यान देने की बात है कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद आतंकी हमलों की जांच के लिए विशेष रूप से एनआइए का गठन किया गया था। लेकिन पिछले तीन सालों में दिल्ली हाई कोर्ट धमाके को छोड़कर एनआइए को आतंकी

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