नई दिल्ली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नाकाम और भ्रष्ट सरकार का मुखिया बताने वाले अमेरिकी अखबार के लेख को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अनैतिक करार दिया है। पीएमओ की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बावजूद वाशिंगटन पोस्ट के अपने लेख पर अड़े रहने के बाद प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इसके साथ ही संप्रग सरकार के मंत्री प्रधानमंत्री पर नीतिगत अनिर्णय की आरोपों की काट के लिए लामबंद हो गए हैं। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी ने खबर लिखने वाले वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार सिमोन डेनियर को लिखे पत्र में कहा कि हम सरकार की आलोचना की शिकायत नहीं करते, क्योंकि यह एक पत्रकार का अधिकार है। लेकिन आपकी ओर से किए गए अनैतिक व गैर पेशेवर आचरण की ओर इशारा करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। पचौरी ने कहा कि बातचीत के सभी रास्ते खुले होने के बावजूद आपने खबर के संबंध में हमारा पक्ष जानने की कोशिश नहीं की जबकि आप नियमित रूप से मुझसे पीएमओ की सूचनाएं लेते रहते हैं। यह लेख पूरी तरह से एकतरफा है। दरअसल, पीएमओ की तरफ से यह पत्र खबर प्रकाशित होने और फिर बाद में खंडन के मुद्दे पर हुई फजीहत के बाद भेजा गया है। बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने दावा किया था कि मनमोहन पर तीखी टिप्पणी के लिए अखबार ने माफी मांगी है। मगर वाशिंगटन पोस्ट ने इसे झुठला दिया। पत्र में पीएमओ ने इसका भी जिक्र किया है। पचौरी ने कहा कि मैंने जब आपको इस मुद्दे पर फोन किया तो आपने दो मर्तबा माफी मांगी। आपकी वेबसाइट नहीं चल रही थी, जिस पर हम टिप्पणी करते। इस पर 11 घंटे बाद तीसरी बार आपने सॉरी बोला। आपको साक्षात्कार के लिए मना नहीं किया गया था बल्कि मानसून सत्र तक के लिए आपके अनुरोध को ठुकराया गया था। पीएमओ की आपत्ति के बीच संजय बारू और रामचंद्र गुहा के बयान पर वाशिंगटन पोस्ट ने अपने लेख में संशोधन भी किया है। दरअसल अमेरिकी अखबार ने लेख के लिए कुछ टिप्पणियां भारतीय पत्रिका कारवां से सीधे-सीधे उठा ली थीं। हालांकि अखबार ने गलती मानी है लेकिन पत्रिका से कोई माफी नहीं मांगी है।
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